Love Shayari Tum Khud Aate Ho: A Love Poetry By Osheen Khan "Oshi"

Tum Khud Aate Ho: A Love Poetry 



तुम खुद आते हो ख्यालों में या लाया जाता है, ज़हनियत में खुद ब खुद बसे हो या

दिल की तरफ से तुम्हे बुलाया जाता है

इक पल तुझे सोचती हूँ

दूजे पल न सोचने का ख्याल करती हूँ

तीजे पल वही बात याद आती है और

चौथे पल को भी यूँ ही बर्बाद करती हूँ

ऊपर से जैसे थे अन्दर से भी तुम वैसे ही हो

धीरे धीरे जानते हुए तुम पर यकीं कर रही हूँ

परख रही हूँ समझ रही हूँ

चिड़ियों की तरह चहक रही हूँ

खुशबु बनके जैसे तेरी

मैं खुद में ही महक रही हूँ

ख्वाबो का महल खुद बनता है या

इसे बनाया जाता है

राजा रानी खुद मिलते है या

तक़दीर के सहारे इन्हे मिलाया जाता है

By Osheen Khan "Oshi" 

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