ईद और रमजान की बरकतें : By Osheen Khan "Oshi"

 ईद और रमजान की बरकतें



अल्लाह की फ़ज़लियत को कैसे बयान करूँ

हर पल उसके फ़ज़्ल का एहसास करती हूँ

प्यारे नबी के सदके जो कुछ बख्शा है,

उन एहसानो का एहतेराम करती हूँ

शब ए क़दर हो ईद हो या हो रमजान की बरकतें

अल्लाह की रहनुमाई का बस शुक्र अदा करती हूँ


एक किताब जिसे उसने रहनुमाई बनाया

उस अहल ए किताब में जीने का तरीका बताया 

क़ुरान ए पाक के सहारे अपनी आयतो को खोल खोलकर सुनाया 

क्या खूब करम है अल्लाह का खुद जिब्रील अल्लाह का पैगाम लाया 

ये सारा माजरा रमजान में अता फ़रमाया


शैतान को बांध दिया माह ए रमजान में 

इबादत के अजर को दोगुना किया माह ए रमजान में 

चारो जन्नत के दरवाज़ों को खोला माह ए रमजान में

क्या खूब रेहमतें लुटा रहा अल्लाह माह ऐ रमजान में 


रोज़े देकर इंसान को सब्र करने की हिदायतें देता है 

उसकी ख़ुशी में ईद को मुबारक कर  देता है 

ईद एक पैगाम है मोमिनो की जीत का 

सेवई जैसी मिठास है माहौल ए ईद का

नया जोड़ा पहन अल्लाह का शुक्र करते है

इस ईद हर मुराद हो पूरी अल्लाह से ज़िक्र करते है 


ईद मुबारक 

Written By Osheen Khan "Oshi"

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